बुधवार, 5 मई 2010

सैर सपाटे और प्रकृति का साथ

गर्मियों की छट्टियों में अक्षर लोग पहाड़ों की तरफ भ्रमण के लिए जाते हैं । जाते समय लोगों के दिमाग में सिर्फ शिमला, मसूरी, नैनीताल जसे बड़े ठिकाने ही होते हैं किन्तु मैं इन्ही छोटी - chhoti जगहों पर की सलाह देता हूँ । लोगों के दिमाग में केवल इन्हीं जगहों की छाप बनी हुई है। ऐसी न जाने कितनी जगहें हैं जहाँ देख कर रोमांच बन पड़ता है । उत्तराखंड में पौड़ी, खिर्शु, धनोल्टी , आदि जग्हें पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो रहे हैं।
इससे भी अच्छा तो छोटे गाँव की तरफ जाया जाये । यद्यपि ये सुदूरवर्ती होंगे किन्तु रमणीक भी। एक नया एहसास भी होगा । वंहा पर सुकून भरी जिंदगी देखने को मिलेगी। यह जरूर है की वहां जाकर आप कुछ भी गड़बड़ न करिएँ । जैसे की महिलाओं को छेड़ना, मार पिटाई करना आदि । यदि ऐसा हुआ तो शांति प्रिय लोग उतने ही कठोर भी होते हैं । ये लोग जब आपसेघुलमिल जाये तो तब आपको एक नै जिन्दगी का अनुभव होगा।
आपको वहां न तो होटलों की भरमार मिलेगी किन्तु रहने के लिएएक अछि मेहमान नाबाजी भी मिलेगी। जो शायद आपको बड़े बड़े होटों में भी नहीं मिलेगी।
आजकल जंगलों में काफल ( फल का नाम) पके होंगे । आप जंगल की सैर करें और इसका स्वाद लें । यह पाचनके साथ स्वाद में भी उत्तम है । छोटी नदियाँ हैं आप उनमें जाकर के नहाइए , प्रकृति का लुत्फ़ जी भर के उठाइए । हाँ यहाँ कुछ परेशानियाँ भी मिलेंगी, जैसे परिवहन की। आरामदायक होटल की। किन्तु प्रकृति आपको जितना देगी वह कभी नहीं मिलेगा।
इसलिए छोटे सुदूरवर्ती गाँव में जाएँ और अपनी जिंदगी को खुशनुमा बनायें । खर्च भी कम और पाए अधिक ।