tag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post4789931362445521241..comments2023-08-19T15:57:52.405+05:30Comments on गाँव: आओ लौट चले प्रकृति की ओर !गिरधारी खंकरियालhttp://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-72505027729466362882011-05-19T11:49:30.574+05:302011-05-19T11:49:30.574+05:30क्या आप हमारीवाणी के सदस्य हैं? हमारीवाणी भारतीय ब...क्या आप हमारीवाणी के सदस्य हैं? हमारीवाणी भारतीय ब्लॉग्स का संकलक है.<br /><br /><a href="http://www.hamarivani.com/news_details.php?news=41" rel="nofollow">हमारीवाणी पर ब्लॉग प्रकाशित करने की विधि</a><br /><br /><a href="http://www.hamarivani.com/contact_us.php" rel="nofollow">किसी भी तरह की जानकारी / शिकायत / सुझाव / प्रश्न के लिए संपर्क करें</a>हमारीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/02677178735599301399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-72893863980288383802011-05-15T12:58:21.903+05:302011-05-15T12:58:21.903+05:30लौटना ही होगा ...आज से सोंचना तो शुरू करें ! शुभका...लौटना ही होगा ...आज से सोंचना तो शुरू करें ! शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-10266336685593993292011-05-12T20:40:15.380+05:302011-05-12T20:40:15.380+05:30लुप्त प्रायः है स्निग्ध जीवन धारा,
टूट गया है प्र...लुप्त प्रायः है स्निग्ध जीवन धारा,<br />टूट गया है प्रकृति का मनोरम,<br />वायु शीतल नहीं, बढ़ रहा है पारा,<br />न जाने कौन खीच रहा है,<br />अविरल विनाश की डोर ! <br />आओ लौट चलें प्रकृति की ओर!<br /><br />सच कहा है ...हम प्रकृति से छेडछाड करके अपने विनाश की ओर बढ़ रहे हैं..बहुत सुन्दर और समसामयिक प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-36971206185714436902011-05-12T19:41:54.005+05:302011-05-12T19:41:54.005+05:30"दूध की रखवाली बिल्ली के भरोसे" है सभी ज..."दूध की रखवाली बिल्ली के भरोसे" है सभी जगह. सरकारी आंकड़ों में पर्यावरण के नाम पर जितना हो-हल्ला और खर्च होता है उतना धरातल पर कहाँ है. टिहरी बाँध को ही देख लीजिये. 7000 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए. डूब क्षेत्र में ही लाखों पेड़ कटे, डूबे. उनके एवज में कहाँ पेड़ लगाये गए. झील के चारों और देखेंगे तो रोना आ जाता है सूखे पहाड़ देख कर. जो थोड़ा बहुत हरियाली दिखती है वह गाँव वालों का अपना प्रयास है. फिर जब जनता ही सब कुछ करेगी तो सीधे गाँव वालों को ही वृक्षारोपण क्यों न दिया जाय. बहस लम्बी है.... कभी फिर.....<br /><br />आभार..... अनेकानेक शुभकामनायें!शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-68085093891469424652011-05-12T17:52:50.701+05:302011-05-12T17:52:50.701+05:30बहुत सुंदर रचना ... सच है आज की पुकार यही है की प्...बहुत सुंदर रचना ... सच है आज की पुकार यही है की प्राकृति की और लौट चलें ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-21321207437943509802011-05-12T12:02:23.357+05:302011-05-12T12:02:23.357+05:30बहुत सुन्दर आह्वान ..अच्छी प्रस्तुतिबहुत सुन्दर आह्वान ..अच्छी प्रस्तुतिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-75958464569310823052011-05-12T05:33:26.331+05:302011-05-12T05:33:26.331+05:30आओ लौट चलें प्रकृति की ओर!
सच में कमी तो लगाती ह...आओ लौट चलें प्रकृति की ओर!<br /><br />सच में कमी तो लगाती ही है उस प्राकृतिक जीवन धारा की .....बहुत सुंदर मनोरम रचना डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-74212036173470055832011-05-11T15:57:47.786+05:302011-05-11T15:57:47.786+05:30आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल...आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी<br /> प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है<br />कल (12-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट<br /> देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर<br />अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।<br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-70848560890823389972011-05-11T09:54:59.828+05:302011-05-11T09:54:59.828+05:30सार्थक प्रस्तुति।सार्थक प्रस्तुति।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-74214649878318449452011-05-10T21:22:54.133+05:302011-05-10T21:22:54.133+05:30अहा,
यही प्रकृति है हमको प्यारी,
उस पर लौट चले इस...अहा, <br />यही प्रकृति है हमको प्यारी,<br />उस पर लौट चले इस बारी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-33637904817049156932011-05-10T19:14:03.215+05:302011-05-10T19:14:03.215+05:30लुप्त प्रायः है स्निग्ध जीवन धारा,
टूट गया है प्र...लुप्त प्रायः है स्निग्ध जीवन धारा,<br />टूट गया है प्रकृति का मनोरम,<br />वायु शीतल नहीं, बढ़ रहा है पारा,<br />न जाने कौन खीच रहा है,<br />अविरल विनाश की डोर ! <br />आओ लौट चलें प्रकृति की ओर!<br />....pragati ke naam par prakriti ka vinash kisi bhi tarah uchit nahi..<br />saarthak sandesh aur jaagruk bhari prastuti ke liye aabharकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com