tag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post2514626634509932909..comments2023-08-19T15:57:52.405+05:30Comments on गाँव: रुग्ण होती कविता !गिरधारी खंकरियालhttp://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-81943231804405755542011-05-18T01:18:12.475+05:302011-05-18T01:18:12.475+05:30आदरणीय गिरधारी खंकरियाल जी
सादर अभिवादन !
...<b><i>आदरणीय गिरधारी खंकरियाल जी </i></b> <br />सादर अभिवादन !<br /> <br /><br />अच्छा लेख है …हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !<br /><b> </b> ब्लॉगजगत में आप जैसे कविता को परखने-पहचानने वाले भी हैं , जान कर प्रसन्नता हुई । <br /><b> </b> <br /><b>अपने औज़ार-उपकरणों सहित कभी समय ले'कर मेरे यहां पधारिएगा … </b> इंतज़ार रहेगा । <br /><br /> साभार <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-24282650043961659102011-05-07T10:35:34.561+05:302011-05-07T10:35:34.561+05:30आपकी बात सही है परंतु ब्लॉग की आसानी की वजह से यहा...आपकी बात सही है परंतु ब्लॉग की आसानी की वजह से यहाँ कवि भी मौजूद हैं और प्रशिक्षार्थी भी, अंतर तो रहेगा ही।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-28345741342376576002011-05-05T10:05:03.413+05:302011-05-05T10:05:03.413+05:30बहुत सुंदर सटीक विश्लेषण किया आपने .
कविता को लेकर...बहुत सुंदर सटीक विश्लेषण किया आपने .<br />कविता को लेकर .... आभारकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-12572652798491377252011-05-02T14:31:43.159+05:302011-05-02T14:31:43.159+05:30कविता पर सार्थक चर्चा देख अपनी कविताओ को आपकी कसौट...कविता पर सार्थक चर्चा देख अपनी कविताओ को आपकी कसौटी पर कसने का मन कर रहा है... आपके विचार अच्छे है और सभी नव लेखको को विमर्श करने की आवश्यकता है... कभी मेरे ब्लॉग पर आइये और देखिये कि क्या मेरी कवितायेँ आपकी उम्मीदों पर खड़ी उतरती हैं...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-64031377145225411572011-04-27T10:59:25.963+05:302011-04-27T10:59:25.963+05:30प्रशंसनीय पोस्ट खंक्रियाल साहब ! मैं भी कविता लिख...प्रशंसनीय पोस्ट खंक्रियाल साहब ! मैं भी कविता लिखते वक्त कोशिश तो बहुत करता हूँ मगर इसे भाषा का अल्प ज्ञान ही समझिये कि वह कुशलता परिलक्षित नहीं हो पाती !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-65104614218725806862011-04-25T21:24:48.282+05:302011-04-25T21:24:48.282+05:30कितु इतना अवश्य होना चाहिए कि विषय के अनुसार शब...कितु इतना अवश्य होना चाहिए कि विषय के अनुसार शब्द चयन , भाषा की सटीकता हो एवं पुनरावृति दोषों से तो कम से कम दूर रहे । कविता का अर्थ यह भी नहीं है कि कठिन एवं संस्कृत निष्ठ शब्दों का प्रयोग किया जाय किन्तु सरल, और हिंदी के शब्द तो कम से कम अवश्य हों . दूसरी भाषा के शब्द का प्रयोग तो तभी हो जब आप के पास कोई विकल्प न बचा हो या उस शब्द की सार्थकता से कविता की गति और भी सरल व समोहन करती हो . ---<br /><br />सहमत हूँ आपकी बात से । कविता में उपरोक्त बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-63842913329688843042011-04-25T13:42:36.737+05:302011-04-25T13:42:36.737+05:30@ राहुल सिंह
संभवतः आपने सही चिन्हित किया शीर्ष...@ राहुल सिंह <br /><br />संभवतः आपने सही चिन्हित किया शीर्षक ठीक कर दिया गयागिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-70885380295796982092011-04-24T06:44:43.199+05:302011-04-24T06:44:43.199+05:30गंभीर सोच. मेरी भाषा की समझ के अनुसार रुग्णित का अ...गंभीर सोच. मेरी भाषा की समझ के अनुसार रुग्णित का अर्थ होगा रुग्ण होती, लेकिन 'रुग्णित होती' प्रयोग मुझे उलझा रहा है. शीर्षक पर इस दृष्टि से विचार करना चाहेंगे.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-35915314272139876772011-04-23T21:24:04.640+05:302011-04-23T21:24:04.640+05:30आपने बहुत सही सलाह दी है। प्रतुल जी का प्रयास भी व...आपने बहुत सही सलाह दी है। प्रतुल जी का प्रयास भी वंदनीय है।<br />आज के कवि को यह सब गंभीरता से सोचना चाहिए।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-77762312004171280462011-04-22T23:05:50.738+05:302011-04-22T23:05:50.738+05:30बहुत सुंदर सटीक विश्लेषण किया आपने ....कविता को ले...बहुत सुंदर सटीक विश्लेषण किया आपने ....कविता को लेकर .... आभार <br /><br />प्रतुल जी ब्लॉग पर भी अक्सर जाना होता है .... उनका प्रयास भी सराहनीय है..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-13504867312467196762011-04-22T21:55:14.315+05:302011-04-22T21:55:14.315+05:30सटीक लिखा है आपने खंकरियाल जी, वास्तव में हमें (ब्...सटीक लिखा है आपने खंकरियाल जी, वास्तव में हमें (ब्लोगर्स को) कविता या कुछ भी पोस्ट करने से पहले विचार कर लेना चाहिए कि हम जो परोस रहे हैं उसमे क्या सन्देश है, हमने लिखा क्यों है और क्या निहित है? ...... परन्तु ऐसा हम नहीं करते हैं और अधिकाधिक छपास की होड़ में कुछ भी सार्थक नहीं लिख पा रहे हैं. ......<br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार ........शुभकामनायें.शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-640731898580733039.post-12329584577056588172011-04-22T19:05:37.138+05:302011-04-22T19:05:37.138+05:30कविता अब प्रवाह से निकल कर सरक रही है।कविता अब प्रवाह से निकल कर सरक रही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com